किताबों के साथ दिन का पता ही नहीं चलता इन्ही के संग उगता है और इन्ही के संग है ढलता ये तुम्हे पाने की ख्वाइस ही तो है वरना रात भर जागकर पढना मुझे अच्छा नही लगता _sachinMehra #sachiiDeep