क्या चुरा सकते हो तुम..?? क्या उन ख़्वाबों को चुरा सकते हो, जिन्हें मेरी आँखें अक्सर ही देखा करती हैं?? क्या मेरी खुशियों का वो रास्ता चुरा सकते हो जिन पर गमों का एक लंबा पहरा है? क्या वो नज़र चुरा सकते हो, जिसे हर रोज तुम्हारी तलाश रहती है..? क्या चुरा पाओगे उन लम्हों को जिन्हें मैं तुम्हारे साथ बिताना चाहती हूँ..? वो उम्र चुरा सकोगे जो अब तक तुम्हारे बिन बीत गयी? या वो आँसू चुरा सकते हो जिनकी वज़ह तुम थे.. या वो दर्द चुरा सकोगे जो मेरे हिस्से आने बाकी हैं.. तुम नहीं चुरा सकोगे.... तुम कुछ चुरा ही नहीं पाओगे, क्योंकि तुम में वो जज़्बात ही नहीं है.. शायद तुम में मुझसी बात ही नहीं है.. #रूपकीबातें #nojoto