तुम Read full story in caption... हर वक़्त मुस्कुराती, मेरी प्रेरणा हो तुम परेशान लटों को सँवारती, मेरी कल्पना हो तुम कभी ना भूल पाती मेरी, चेतना हो तुम तुम..मेरी लेखनी की वेदना हो तुम। तंग रास्तों में, लोगों की भीड़ में किसी के टकराने की खुशबू हो तुम कुल्हड़ वाली चाय की चुस्की में