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मैं तराशता रहा खुद को हर बार हर हिसाब से, और जीत ग

मैं तराशता रहा खुद को हर बार हर हिसाब से,
और जीत गई वो बाजी जो लगी थी अपने ही हिसाब से।।

कई मर्तबा हुआ, दुखा,दिल, रोया भी बहुत, 
पर जंग जीत गया मैं  लड़ाई जो खिलाफ थी मेरे जमीर के लिहाज से।।

वो तोड़कर भी सब अरमान अपने मैं लिपटा रहा उनकी रहनुमाई मे,
और इक वो थे कि गिला रखते रहे कि मैं बदला ही न वैसे रख उनके नकाब से।।

गर्त दर गर्त, परत दर परत मोटी चढ़ती ही गई, मेरे लिहाफ पे,
तब भी शिकायत रही सभी को मुझी से,कि की नही कुछ बदला उनके अंदाज से।।

शिकायत वाजिब होगी रही उनके भी अपने मुकाम से,
कि बदलते रहे वो चेहरे पर चेहरे,रख जुदा अपने ही ख्वाब वे।।

अब लौटना मुमकिन भी न रहा बदल चुका हूँ,इस खिताब से,
कि जिंदगी जी ही नही मैंने कही उनके हिसाब से।।

©Instagram id @kavi_neetesh मैं तराशता रहा खुद को हर बार हर हिसाब से,
और जीत गई वो बाजी जो लगी थी अपने ही हिसाब से।।

कई मर्तबा हुआ, दुखा,दिल, रोया भी बहुत, 
पर जंग जीत गया मैं  लड़ाई जो खिलाफ थी मेरे जमीर के लिहाज से।।

वो तोड़कर भी सब अरमान अपने मैं लिपटा रहा उनकी रहनुमाई मे,
और इक वो थे कि गिला रखते रहे कि मैं बदला ही न वैसे रख उनके नकाब से।।

मैं तराशता रहा खुद को हर बार हर हिसाब से, और जीत गई वो बाजी जो लगी थी अपने ही हिसाब से।। कई मर्तबा हुआ, दुखा,दिल, रोया भी बहुत, पर जंग जीत गया मैं  लड़ाई जो खिलाफ थी मेरे जमीर के लिहाज से।। वो तोड़कर भी सब अरमान अपने मैं लिपटा रहा उनकी रहनुमाई मे, और इक वो थे कि गिला रखते रहे कि मैं बदला ही न वैसे रख उनके नकाब से।। #ज़िन्दगी #findyourself

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