कुदरत कभी ज्यादा बरसा दे तो दिल हाहाकार कर उठता है! पानी की बूंद बूंद को तरसे जो उनसे पूछो,,,, उसकी कीमत ! सोना चांदी देकर भी पानी नहीं मिल सकता, न जाने कितनी दूर दूर तक जाकर, रात रात भर जागकर, गड्ढों से पानी भर भरकर अपनी प्यास बुझाते हैं! बहाने के लिए क्या,नहाने को भी तरस जाते हैं! हम पानी की कीमत क्यों नहीं समझ पाते हैं? आवश्यकतानुसार उपयोग करें पानी बचाकर सबका सहयोग करें, बोतलों में तो बिक ही रहा है पानी पानी का व्यापार करने वाले मानव! पानी के तेवर को नजरअंदाज मत करना, जिस दिन उसकी त्यौरियां चढ़ जाएगी तेरी हैसियत, कहीं नजर नहीं आएगी!!! © Anjali Jain पानी भाग 02 05-08-21