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एक रोज़ रूबरू वो हमसे हुए,अंजान सही पर ख़ास लगे। हर

एक रोज़ रूबरू वो हमसे हुए,अंजान सही पर ख़ास लगे।
हर मोड़ पे राह तकी मैंने, मिलने की दिल में आस जगे।
न जाने उन एहसासों का मतलब क्या होगा।
जो#उसकी#आँखों#में#पढ़ा#था#मैंने।
क्या प्यार मेरा एकतरफ़ा था ये सोच सिसकते रात गयी। 
और खेल गया वो मंजर मुझ से जब देखा वो किसी और के साथ गई।
कहने को तो समझाया दिल को
कि चल रात गयी और बात गयी।

©A Malhotra
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amalhotra4165

A Malhotra

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