Nojoto: Largest Storytelling Platform

रब्ते अज़ाब जब सो जाते, हर शब ज़ुहूर मेरा सैयारों

रब्ते अज़ाब जब सो जाते, 
हर शब ज़ुहूर मेरा सैयारों ने देखा है
जुगनुओं के हाथों बिकते हुये
मुझे तारीक़ी के बाजारों ने देखा है


रब्त-रिश्ता, अज़ाब-दुख, पीड़ा, ज़ुहूर- प्रकटन, प्रतीति, पेश करना. सैयारों- तारों, तारीक़ी-अंधेरा. 
 #nojoto #poetry
रब्ते अज़ाब जब सो जाते, 
हर शब ज़ुहूर मेरा सैयारों ने देखा है
जुगनुओं के हाथों बिकते हुये
मुझे तारीक़ी के बाजारों ने देखा है


रब्त-रिश्ता, अज़ाब-दुख, पीड़ा, ज़ुहूर- प्रकटन, प्रतीति, पेश करना. सैयारों- तारों, तारीक़ी-अंधेरा. 
 #nojoto #poetry