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*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“27/1/2022”*📚 🖋️*“गुरुवार”*

*✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“27/1/2022”*📚
🖋️*“गुरुवार”* 🌟

हम सभी कुछ न कुछ “पढ़” चुके है, 
कुछ न कुछ “सीख” चुके है,
फिर भी “सबकुछ” तो कभी नहीं सीख पाते,
आप सभी को पता है 
कि “व्यंजनों” का प्रारंभ होता है “क” से,
“क” से “कबूतर” यह पढ़ते पढ़ते हम “शब्द रचना” सीखते है, उसके पश्चात “सबकुछ”,किंतु क्या कभी आपने सोचा है कि यह “क” से ही क्यों “प्रारंभ” होता है ?
और किसी “व्यंजन” से क्यों नहीं,
क्योंकि यह “क” दर्शाता है “करूणा”,
“करूणा” जो सबसे महत्वपूर्ण भाव है,इसी “करूणा” के कारण आप भी किसी “व्यक्ति”,किसी “जीव की भावनाएं”,उसकी “समस्याएं”,
उसके दुःख(“पीड़ा”) समझते है,
“करूणा” ही है जो “प्रेम को जन्म” देती है,“करूणा” ही है जो आपके “विवेक” को भी “जाग्रत” करती है,
तो यदि आप “क” से “करूणा” सीख गए तो “ज्ञ” से “ज्ञानी” बनने में अधिक समय नहीं लगेगा,
*“अतुल शर्मा”*✍🏻

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
📘 *“27/1/2022”*📚
🖋️ *“गुरुवार”* 🌟

*#“जीवन में”*

*#“पढ़ना”*
*✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“27/1/2022”*📚
🖋️*“गुरुवार”* 🌟

हम सभी कुछ न कुछ “पढ़” चुके है, 
कुछ न कुछ “सीख” चुके है,
फिर भी “सबकुछ” तो कभी नहीं सीख पाते,
आप सभी को पता है 
कि “व्यंजनों” का प्रारंभ होता है “क” से,
“क” से “कबूतर” यह पढ़ते पढ़ते हम “शब्द रचना” सीखते है, उसके पश्चात “सबकुछ”,किंतु क्या कभी आपने सोचा है कि यह “क” से ही क्यों “प्रारंभ” होता है ?
और किसी “व्यंजन” से क्यों नहीं,
क्योंकि यह “क” दर्शाता है “करूणा”,
“करूणा” जो सबसे महत्वपूर्ण भाव है,इसी “करूणा” के कारण आप भी किसी “व्यक्ति”,किसी “जीव की भावनाएं”,उसकी “समस्याएं”,
उसके दुःख(“पीड़ा”) समझते है,
“करूणा” ही है जो “प्रेम को जन्म” देती है,“करूणा” ही है जो आपके “विवेक” को भी “जाग्रत” करती है,
तो यदि आप “क” से “करूणा” सीख गए तो “ज्ञ” से “ज्ञानी” बनने में अधिक समय नहीं लगेगा,
*“अतुल शर्मा”*✍🏻

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
📘 *“27/1/2022”*📚
🖋️ *“गुरुवार”* 🌟

*#“जीवन में”*

*#“पढ़ना”*
atulsharma6011

Atul Sharma

New Creator

*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“27/1/2022”*📚 🖋️ *“गुरुवार”* 🌟 *#“जीवन में”* *#“पढ़ना”* #Thoughts #“समस्याएं” #“प्रेम #“सीखना” #“क” #“किसी #“दुःख