शिद्दत बड़ी शिद्दत से दर्द अब लिखने लगा हैं, कतरा कतरा ही सही कहानी को डायरी में गढ़ रहा हैं धिरे धिरे अब वो संभलने लगा हैं मरहम लगाने के लिए अपने ही जख्म को कुरेद रहा हैं.....