प्रकृति का यूं रूठ जाना, बेवजह तो नहीं यूं कोरोना का फैल जाना, बेवजह तो नहीं कुछ तो कसूर हमारा भी होगा वरना यूं जान लेना प्रकृति का दस्तूर तो नहीं, अब शायद हमारा यूं हवा में जहर मिलाना, जानवरों को यूं सताना प्रकृति को गवारा नहीं। अब हमनें जो किया, जानवरों को यूं पिंजरों में बंद किया, उसका हिसाब तो चुकाना होगा। शायद इन सबसे प्रकृति को हमें कुछ सिखाना होगा। अब भी वक्त है, प्रकृति को जो हमने दर्द दिया, उस पर मरहम लगाना होगा। और मानो मेरी अगर खुद का अस्तित्व बचाना है तो मिलकर प्रकृति को बचाना होगा। प्रदीप सिंह तंवर धन्यवाद 🙏🙏🙏 #Nature #support on insta @smiling_pradeep