अल्फाजों में कहाँ भारतीय सैनिक का दर्द बता पाऊंगा, बलिदान होने का साहस कहां हर कोई जुटा पायेगा। परिश्रम के बावजूद भी जब उचित परिणाम नही मिलता, तब बहते अश्कों को आलोक कोई कैसे संभाल पायेगा। ✍️✍️✍️आलोक अग्रहरि अपेक्षित परिणाम