शिक्षक.... एक समय था जब अपनी माँ का हाथ छोड़, किसी अनजान "शिक्षक" नामक व्यक्ति के हाथ का सहारा लेना पड़ा था। एक समय था जब आज के आदरणीय, पूजनीय "शिक्षक" भी बहुत अनजान लगते थे। एक समय था जब सच्चे "गुरु" की पहचान करने की शक्ति तक नहीं थी। एक तब का समय था और एक आज का एक समय हैं, फर्क बस इतना हैं, कि तब गुरु सिर्फ किताबी पाठ पढ़ाने का एक जरिया थे, और आज गुरु जिंदगी की वो पूंजी हैं, जिनके बिना ज्ञान की बरसात का अहसास ही नहीं हो सकता। शिक्षक दिवस कि हार्दिक शुभकामनायें..... ©SHREYA SAHA HAPPY TEACHER'S DAY TO ALL MY RESPECTED TEACHERS😊.. #Teachersday #teachers #guru #HappyTeachersday