Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैं उलझा रहा किताबो में, बाहर बारिश की बूंदे अनछ

मैं उलझा रहा किताबो में,

 बाहर बारिश की बूंदे अनछुई रह गई।

लपक कर छू लू उन बूंदों को मगर 

दिल की ये अरमां जमीं में सोई रह गई।।

बस यादे रह गई पुरानी बारिश की 
 
उसके गलियों में जा कर घूमना मेरा 

उसके हाथों में हाथ रख कर 

घूमने की  ख्वाईश धरी की धरी रह गई ।।

मैं उलझा रहा किताबो में,

बाहर बारिश की बूंदे अनछुई रह गई।। #rain @बारिश
मैं उलझा रहा किताबो में,

 बाहर बारिश की बूंदे अनछुई रह गई।

लपक कर छू लू उन बूंदों को मगर 

दिल की ये अरमां जमीं में सोई रह गई।।

बस यादे रह गई पुरानी बारिश की 
 
उसके गलियों में जा कर घूमना मेरा 

उसके हाथों में हाथ रख कर 

घूमने की  ख्वाईश धरी की धरी रह गई ।।

मैं उलझा रहा किताबो में,

बाहर बारिश की बूंदे अनछुई रह गई।। #rain @बारिश