ठहर जा रे पथिक क्यूँ भागे है चहुँ-दिशा,चहुँ-ओर मुँडेर पर पहरा बैठा दिया कहाँ थमा है,मन का शोर तन को तन से बाँध दिया मन को बाँध सके ना कोई डोर कच्चे दुनिया के सब धागे हैं बस गाँठें हैं हर ओर... © abhishek trehan #दुनिया #धागे #गाँठें #प्रेम #विरक्ति #बँधन #yqdidi #manawoawaratha