सावन में, प्रियतमा श्रृंगार करती है प्रियतम के गले का हार बनती है प्रेम-भाव को स्वीकार करती है सावन में, बदरी में चांदनी समा जाती है किरण भी इसे एक नजर देख के जाती है सुहावने मौसम को दर्शाती है देखते हैं राह साजन और धरातल जब भी बरसता है बादल भीग जाता है सजनी का आंचल जब भी रिमझिम बौछार पड़ती है काले घने बादलों के बीच होते हुए भी सजनी सजन की ओर बढ़ती है प्रीत मिलन जब हो प्रत्यूष फिर दिखता है इंद्रधनुष। Try to write some romantic 😂😂 #rzmph #rzmph199 #yqbaba #yqdidi #yqbabuaa #khushirajbhar