लोग कहते हैं हमसे , सुन के अपनी बुराई आप कैसे मुस्कुरा लेते हो ? इतने सारे राज़ कहाँ छुपा लेते हो ? मैंने कहा उन लोगों से, बस अच्छाइयों को रखने की करता हूँ कोशिश बुराइयों को दिल से निकाल देता हूँ, इसीलिए सुनके बुराई अपनी मैं थोडा मुस्कुरा देता हूँ। 39