जो दिल मे आग लगाए घूम रहे हो तुम। इससे तो खुदको ही जला बैठोगे एक दिन। शायद क्या पता कब तक रहे ज़िन्दगी में तुम्हारे। मोहब्बत के बीमारी में दोस्ती को बीमार कर गए तुम। ●📖: мanish sharma