देख रहा हूं आसमान में, सितारे ही चमक रहे है । चांद कहीं खो गई है, अंधेरों की परछाई में । वक्तितवा रूठ गई है, सदभावना की गहराई में ! ज़ुल्म सेहकर जी रहे है, नकारात्मक ज़िन्दगी ! क्यों नहीं जागता रूह ? जागता इनकी आत्मशक्ति ? #आसमानमें #yqdidi #yqbaba