#घरजानाहै
वो नदिया, वो कश्ती, वो गलियां, वो बस्ती,
वो खेतों मैदानों में दोस्तों से मस्ती।
वो पापा की डांट, वो मां का प्यार,
वो सुबह सवेरे गांव में मटरगश्ती।
वो चाय की टपरी, वो हंसता सा चेहरा,
वो आंखों ही आंखों में होती मुलाकातें।
वो सब कुछ मुझे फिर से पाना है, #Collab#yqdidi#YourQuoteAndMine#vibrant_writer#pritliladabar