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मोहब्बत की कलम से, एहसास की स्याही से। बनाऊ हर बार

मोहब्बत की कलम से,
एहसास की स्याही से।
बनाऊ हर बार तेरा ही चेहरा,
उतार के अपने दिल की परछाई से।
                   - महेन्द्र मध्देशिया
 #NojotoQuote प्रेम का एक और शायरी
मोहब्बत की कलम से,
एहसास की स्याही से।
बनाऊ हर बार तेरा ही चेहरा,
उतार के अपने दिल की परछाई से।
                   - महेन्द्र मध्देशिया
 #NojotoQuote प्रेम का एक और शायरी