निकल पड़ता हूँ मंजिल की चाह में अकेला ही मगर राह-ए-सफर अब अकेले कटता नहीं है! अब लगने लग गयी है जरुरत किसी ख्याल रखने वाली की, क्योंकि ये झल्ला शख्स अब खुद का ख्याल रखता नहीं है!! फाड़ने लग गया हूँ वरके लिख लिख कर नाम अपना क्योंकि, इस दिल को अब तेरे नाम के बिना खुद का नाम भी जचता नहीं है!! !!! सिद्धार्थ शर्मा !!! ©Shahryaar #haryana #HR20 #shahryaarshayari #shahryaar