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ये मिट्टी के पुतले टूट जाते हैं कश्ती में कुछ इंस

ये मिट्टी के पुतले टूट जाते हैं कश्ती में 
कुछ इंसान भी तू भेज दे…. बस्ती में 

आरज़ू को संभाले,
फिर वो घूँघट निकाले,
आजा आवाज़ देकर,
कहीं से बुला ले,

ये बारिश भिगा देगी फिर से मटरगश्ती में 
कुछ इंसान भी तू भेज दे….. बस्ती में 

वो रातों का मंज़र,
वो झरना वो सागर,
रज़ाई की ख़ुशबू ,
तेरी साँसों के अंदर,

बस खोया है मैंने सब कुछ ज़बरदस्ती में
कुछ इंसान भी तू भेज दे…. बस्ती में #putle #vatsa #dsvatsa #yqbaba #yqdidi #hindipoetry

ये मिट्टी के पुतले टूट जाते हैं कश्ती में 
कुछ इंसान भी तू भेज दे…. बस्ती में 

आरज़ू को संभाले,
फिर वो घूँघट निकाले,
आजा आवाज़ देकर,
ये मिट्टी के पुतले टूट जाते हैं कश्ती में 
कुछ इंसान भी तू भेज दे…. बस्ती में 

आरज़ू को संभाले,
फिर वो घूँघट निकाले,
आजा आवाज़ देकर,
कहीं से बुला ले,

ये बारिश भिगा देगी फिर से मटरगश्ती में 
कुछ इंसान भी तू भेज दे….. बस्ती में 

वो रातों का मंज़र,
वो झरना वो सागर,
रज़ाई की ख़ुशबू ,
तेरी साँसों के अंदर,

बस खोया है मैंने सब कुछ ज़बरदस्ती में
कुछ इंसान भी तू भेज दे…. बस्ती में #putle #vatsa #dsvatsa #yqbaba #yqdidi #hindipoetry

ये मिट्टी के पुतले टूट जाते हैं कश्ती में 
कुछ इंसान भी तू भेज दे…. बस्ती में 

आरज़ू को संभाले,
फिर वो घूँघट निकाले,
आजा आवाज़ देकर,
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