हमको देखकर उन्होंने,फूलों सा खिल जाना छोड़ रक्खा है। हमने भीं मिलते हीं उनको गले लगाना छोड़ रक्खा है। अब उन्होंने देखकर नजरे मिलाना छोड़ रक्खा है। हमने भीं उनको देखकर मुस्कुराना छोड़ रक्खा है। उन्होंने खुद से मान जाना , और हमने उनको मनाना, छोड़ रक्खा है। साथ ही आते -जाते हैं दोनों, एक दूजे के दिलों तक आना -जाना छोड़ रक्खा है। मिलने पर हमसे उन्होंने अब इतराना छोड़ रक्खा है। हमने भीं उनसे पल -पल प्यार जताना छोड़ रक्खा है। एक दूजे को दिल की बातें बताना, छोड़ रक्खा है। एक दूजे के दिल में बसना -बसाना छोड़ रक्खा है। अब उन्होंने देखकर नजरे मिलाना छोड़ रक्खा है। हमने भीं उनको देखकर मुस्कुराना छोड़ रक्खा है।....... ©Ganesh Kumar Verma #छोड़ रक्खा है