पूरब हो या पश्चिम दोनों जहां, जगमगाता है तुमसे तुम सूरज हो ढल के भी कहीं और उगती हो तुम स्त्री हो थक कर कहा रुकती हो! ©Ritu mishra pandey mausam #International #womensday2023