बचपना....
आज भी कभी कभी बैठे हुए ,
इन कुर्सीयों पर निकल पड़ते हैं हम उन्ह दिनों के खोज में ;
वो दिन जहां हम है ,हमारा बचपना हैै,
ढेर सारे सवाल है,ढेरों नासमझे जवाब है,
बस कमी है, इन लोगोंकी जिनका कहना है
अरे, यार क्या बचपना हैं।
ये वहीं दिन हैं, #English#poetrycommunity#yqbaba#ChildrensDay#yqdidi