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सजा नही प्यार है ये जो नाराज़गी दिखलाता है, कोई हो

सजा नही प्यार है ये जो नाराज़गी दिखलाता है,
कोई हो रूह में समाए तो ही तो हक कोई जतलाता है
इल्तज़ा तुमसे ये हर बार हमने फरमाई है,
कि शख्सियत रखना निश्छल निष्पाक वोही तो मेरे मन को भाई है ॥  Just a thought  #YourQuoteAndMine
Collaborating with Decent
सजा नही प्यार है ये जो नाराज़गी दिखलाता है,
कोई हो रूह में समाए तो ही तो हक कोई जतलाता है
इल्तज़ा तुमसे ये हर बार हमने फरमाई है,
कि शख्सियत रखना निश्छल निष्पाक वोही तो मेरे मन को भाई है ॥  Just a thought  #YourQuoteAndMine
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