संगमरमर के जैसी तेरी काया है, तेरा दिल है मगर पत्थरों की तरह! चोट तेरी वफाओं का जो हल्के लगे , फिर टूट जाऊंगा मैं आईने की तरह !! तेरा दिल है मगर ... तेरी बातें शहद जैसी मुझको मीठी लगे तेरा मन है मगर काले घन की तरह.. विष पिलाओ जो होठों से वो सोम लगे आज झूमता चल रहा मैं मतंग की तरह !! ((("राहुल"))) #तेरा_दिल_है_मगर_पत्थरों_की_तरह (शब्दार्थ - घन =बादल ,सोम=अमृत,मतंग=हाथी ) संगमरमर के जैसी तेरी काया है, तेरा दिल है मगर पत्थरों की तरह! चोट तेरी वफाओं का जो हल्के लगे , फिर टूट जाऊंगा मैं आईने की तरह !! तेरा दिल है मगर ... तेरी बातें शहद जैसी मुझको मीठी लगे