★★★दिल अकेला★★★ हूँ किस कदर अकेला किसको बताऊँ मैं, दिल रूठ गया है मुझसे कैसे समझाऊँ मैं देता रहा दिलासा आने वाली खुशियों का लग गया है ग़मों का रेला, रोक न पाऊँ मैं धड़कता है अब भी मुझमें कर्ज़ की तरह खुशियों का इसका कर्ज़ कैसे लौटाऊँ मैं होती नहीं आँखें जो ये अश्क़ भी बहा दे कहता है घूँट-घूँट आँसूं, पीता रहा हूँ मै दिल की मनमर्ज़ी गर चल गई एक दिन साँसों को थाम देगा,मिट्टी हो जाऊँगा मैं #sunrays "गुज़रती है जो दिल पर वो हर बात कहते नहीं, मुस्कुराता देख लगता है उन्हें, हम सहते नहीं.." 😶😶😔😶😶 #lifestruggle #life #tired #broken #naval_poetry