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दिल बाज़ार में हैं, सिने कितने आर्थिक हो गये ... त

दिल बाज़ार में हैं, सिने कितने आर्थिक हो गये ...
तुम्हांरा धर्म भी हैं और तुम धार्मिक हो गये..।

मुद्दत से आए नहीं उनके तोहफ़े आते हैं...
एक फ़ासलॆ से मिलने वाले हार्दिक हो गये..। बाज़ार
दिल बाज़ार में हैं, सिने कितने आर्थिक हो गये ...
तुम्हांरा धर्म भी हैं और तुम धार्मिक हो गये..।

मुद्दत से आए नहीं उनके तोहफ़े आते हैं...
एक फ़ासलॆ से मिलने वाले हार्दिक हो गये..। बाज़ार