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यतो यतः समीहसे ततो नो अभयं कुरु। शं नः कुरु प्रजाभ

यतो यतः समीहसे ततो नो अभयं कुरु।
शं नः कुरु प्रजाभ्यो अभयं नः पशुभ्यः।।
(शुक्ल यजुर्वेद)

हे ईश्वर! (आप) जहाँ जहाँ से चाहते हो, वहाँ वहाँ से हमें निर्भय कर दो। हमारी सन्तान का कल्याण करो और हमारे पशुओं को निर्भय करो। ईश्वर से प्रार्थना
यतो यतः समीहसे ततो नो अभयं कुरु।
शं नः कुरु प्रजाभ्यो अभयं नः पशुभ्यः।।
(शुक्ल यजुर्वेद)

हे ईश्वर! (आप) जहाँ जहाँ से चाहते हो, वहाँ वहाँ से हमें निर्भय कर दो। हमारी सन्तान का कल्याण करो और हमारे पशुओं को निर्भय करो। ईश्वर से प्रार्थना

ईश्वर से प्रार्थना