इश्क़ की फितरत क्या होती है मुझको यह मालूम न था इश्क़ की ताक़त क्या होती है मुझको यह मालूम न था, बस एक नज़र तुझको देखा यह नज़रे फट के चार हुई तब जाना इस आफत को मैं,वरना कुछ मालूम न था, मैं पहले इतना हँसता था मुझे रोने की कोई खबर न थी तुझ से मिलने से पहले तक मुझे गम वम कुछ मालूम न था, मेरी माँ से करता था मैं, अपनी दिल की बातें सारी तुझसे मिलने से पहले,माँ के सिवा कुछ मालूम न था, तू जो भी थी एक जादू थी जो मेरे दिल मैं उतर गई तेरी बातों से पहले मुझको यह इश्क़ विश्क़ मालूम न था। #MaloomNaTha