चलो एक गीत गाया जाये जिसमें हर रंग की फुहार हो जिसमें शामिल हर त्यौहार हो जिसमें मिठास हो होली की गुझिया की जिसमें ईद की सिंवई खुशबूदार हो चलो एक गीत गाया जाये चलो एक गीत गाया जाये जिसमें शब्द हो गुरबाणी के, जिसमें आवाज हो अजान की, और बात हो सनातन धर्म जैसी , समूचे विश्व कल्याण की , चलो एक गीत गाया जाये चलो एक गीत गाया जाये जहाँ सरहदों की न बात हो जहाँ हर ओर पर मानवता ही आबाद हो जहाँ हम सभी की रोटी एक चूल्हे पर पके, और हर तरफ बस प्रेम जिंदाबाद हो चलो एक गीत गाया जाये चलो एक गीत गाया जाये जहाँ मैं रूठू तो कोई और मना ले , कोई और रूठे तो मैं मना लूँ, मेरी बिगड़ी वो बना दे , उसकी बिगड़ी मैं न दूँ, चलो एक गीत गाया जाये balgovind.dwivedi