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चलो माना कि ये ज़ख़्म भरते नहीं, खामोशियां बोलती त

चलो माना कि ये ज़ख़्म भरते नहीं,
खामोशियां बोलती तो हैं पर कभी सुनते नहीं...! 
वादों की सांसे चलती हैं कब तक , 
ये तो तुमने देखा होगा...
खंजर के साथ मरहम परोसते भी देखा होगा...! 
फ़िर क्या है जो संभल के भी तुम संभलते नहीं,
इन सांसों के बोझ तले तुम कभी दबते नहीं ...!!-Anjali Rai हर ढलती शाम की एक मुकम्मल सुबह जरूर होगी ...✍️
आज के सुकून के लिए बस इतना ही काफी है ...!! #angel❤️


#yqinspiration 
#loveyoujindagi 
#yqquotes
#yqbaba
चलो माना कि ये ज़ख़्म भरते नहीं,
खामोशियां बोलती तो हैं पर कभी सुनते नहीं...! 
वादों की सांसे चलती हैं कब तक , 
ये तो तुमने देखा होगा...
खंजर के साथ मरहम परोसते भी देखा होगा...! 
फ़िर क्या है जो संभल के भी तुम संभलते नहीं,
इन सांसों के बोझ तले तुम कभी दबते नहीं ...!!-Anjali Rai हर ढलती शाम की एक मुकम्मल सुबह जरूर होगी ...✍️
आज के सुकून के लिए बस इतना ही काफी है ...!! #angel❤️


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