कबीर पंक्ति का दोहा हूं ... तुलसी का वह राम हूं मैं.... जिस मिट्टी पर तिलक गिरे उस मिट्टी का अभिमान हूं मैं... गंगा के हर तट पर मैं लिपटी हूं उस सैकत से.... जहां लाखों वीर प्रांण त्याग हाथों पर ... हंसते हुए कुर्बान हैं। #अतुल्य भारत # kaid ek awaz... #not formaliti.....seen and realize the reality ©Nishu Maurya.....(Arjnii) #reality #kaidEkAwaz #RepublicDay