आ मिला था रंग कोई या त्वरित तुम आ मिली एक पुराना वस्त्र या स्पर्श की ऊष्मा मिली उठ रही पुकार को सद्द्य सांत्वना मिली सुन रही थी तुम यथा साकार हो करुणा मिली भावभर इस वेदना को ममतामयी मिशा मिली खोते हुए, अधीर मन को प्रतिध्वनित ही दिशा मिली लिपटा लिया अंचल सरल वो वस्त्र! ये पुलकावली सामान में उपमान में अनुपमेय छवियाँ आ मिली माँ की कोई चीज़! जैसे स्वयं आकर माँ मिली #toyou#iloveyoumummy#findingin#yqsurprise#yqlove#yqlife