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होली महोत्सव का इतिहास क्या है होली का महत्व? होल

होली महोत्सव का इतिहास

क्या है होली का महत्व? होली का त्यौहार अपनी सांस्कृतिक और पारंपरिक मान्यताओं की वजह से बहुत प्राचीन समय से मनाया जा रहा है. इसका उल्लेख भारत की बहुत से पवित्र पौराणिक पुस्तकों,जैसे पुराण, दसकुमार चरित, संस्कृत नाटक, रत्नावली में किया गया है. होली के इस अनुष्ठान पर लोग सड़कों, पार्कों, सामुदायिक केंद्र, और मंदिरों के आस-पास के क्षेत्रों में होलिका दहन की रस्म के लिए लकड़ी और अन्य ज्वलनशील सामग्री के ढेर बनाने शुरू कर देते है. बहुत से लोग घर पर साफ- सफाई भी करते हैं. इसके साथ अलग अलग प्रकार के व्यनजन भी बनाते हैं जैसे की गुझिया, मिठाई, मठ्ठी, मालपुआ, चिप्स आदि.

होली पूरे भारत में हिंदुओं के लिए एक बहुत बड़ा त्यौहार है, जो ईसा मसीह से भी पहले कई सदियों से मौजूद है. अगर इससे पहले की होली की बात करें तब यह त्यौहार विवाहित महिलाओं द्वारा पूर्णिमा की पूजा द्वारा उनके परिवार के अच्छे के लिये मनाया जाता था. प्राचीन भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस त्यौहार का जश्न मनाने के पीछे कई किंवदंतियों रही हैं.

होली हिंदुओं के लिए एक सांस्कृतिक, धार्मिक और पारंपरिक त्यौहार है. होली शब्द “होलिका” से उत्पन्न है. होली का त्यौहार विशेष रूप से भारत (आर्याव्रत) के लोगों द्वारा मनाया जाता है जिसके पीछे बड़ा कारण है. एक बड़ा कारण यह है की यह त्यौहार केवल रंगों का नहीं बल्कि भाईचारे का भी है. जैसे हम त्यौहार के दोरान सभी रंगों का इस्तमाल करते हैं ठीक वैसे ही हमें आपस में भाईचारे की भावना से रहना चाहिए और एक दुसरे के साथ मिल्झुलकर सभी त्यौहारओं को पालना चाहिए.

होली एक ऐसा त्यौहार है जिसे देश का हर प्रान्त बड़ी धूमधाम से मनाता है. अलग अलग प्रान्तों में उनके सांस्कृति के अनुसार इसे रीती निति से मनाया जाता है. यह त्यौहार हमें जीवन में सबके साथ मिलझूलकर रहने की प्रेरणा देता है #NojotoQuote
होली महोत्सव का इतिहास

क्या है होली का महत्व? होली का त्यौहार अपनी सांस्कृतिक और पारंपरिक मान्यताओं की वजह से बहुत प्राचीन समय से मनाया जा रहा है. इसका उल्लेख भारत की बहुत से पवित्र पौराणिक पुस्तकों,जैसे पुराण, दसकुमार चरित, संस्कृत नाटक, रत्नावली में किया गया है. होली के इस अनुष्ठान पर लोग सड़कों, पार्कों, सामुदायिक केंद्र, और मंदिरों के आस-पास के क्षेत्रों में होलिका दहन की रस्म के लिए लकड़ी और अन्य ज्वलनशील सामग्री के ढेर बनाने शुरू कर देते है. बहुत से लोग घर पर साफ- सफाई भी करते हैं. इसके साथ अलग अलग प्रकार के व्यनजन भी बनाते हैं जैसे की गुझिया, मिठाई, मठ्ठी, मालपुआ, चिप्स आदि.

होली पूरे भारत में हिंदुओं के लिए एक बहुत बड़ा त्यौहार है, जो ईसा मसीह से भी पहले कई सदियों से मौजूद है. अगर इससे पहले की होली की बात करें तब यह त्यौहार विवाहित महिलाओं द्वारा पूर्णिमा की पूजा द्वारा उनके परिवार के अच्छे के लिये मनाया जाता था. प्राचीन भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस त्यौहार का जश्न मनाने के पीछे कई किंवदंतियों रही हैं.

होली हिंदुओं के लिए एक सांस्कृतिक, धार्मिक और पारंपरिक त्यौहार है. होली शब्द “होलिका” से उत्पन्न है. होली का त्यौहार विशेष रूप से भारत (आर्याव्रत) के लोगों द्वारा मनाया जाता है जिसके पीछे बड़ा कारण है. एक बड़ा कारण यह है की यह त्यौहार केवल रंगों का नहीं बल्कि भाईचारे का भी है. जैसे हम त्यौहार के दोरान सभी रंगों का इस्तमाल करते हैं ठीक वैसे ही हमें आपस में भाईचारे की भावना से रहना चाहिए और एक दुसरे के साथ मिल्झुलकर सभी त्यौहारओं को पालना चाहिए.

होली एक ऐसा त्यौहार है जिसे देश का हर प्रान्त बड़ी धूमधाम से मनाता है. अलग अलग प्रान्तों में उनके सांस्कृति के अनुसार इसे रीती निति से मनाया जाता है. यह त्यौहार हमें जीवन में सबके साथ मिलझूलकर रहने की प्रेरणा देता है #NojotoQuote