आ जाओ ना भगवान उतर कर जमीन पर हे! महावीर मारुति तुम कहां चले गए बैठे कहां हो अपने बच्चों से रूठ कर लक्ष्मण की तरह देखो सब मौन हो रहें संजीवनी का लाओ पर्वत उखाड़ कर तांडव मचा रही है यहा मृत्यु की देवी। बैठे कहां हो अपने बच्चों से रूठ कर। आकर बचालो भगवन बृम्हां की ये सृष्टी तोडो समाधी अपनी कष्टों को दूर कर यीशु कहूं खुदा कहूं या रब कहूं तुझे बैठे कहां हो अपने बच्चों से रूठ कर। किस नाम से सुनेगा तू ये बता मुझे नमाज़ में पढूं या आरती करूं मैंने सुना है तेरा कण कण में वास है प्रार्थना करूं या अरदास में करूं मृत्यु भी स्वयं शिवा तेरी ही दास है हर रूप में हे मालिक विनती स्वीकारकर रोको इसे यहीं न अब नर संहार कर बैठे कहां हो अपने बच्चों से रूठ कर। बैठे कहां हो अपने बच्चों से रूठ कर। यम प्राण के लिए हर द्वार पे खड़ा है आ जाओना भगवान उतर कर जमीन पर हमको पता है कि तू सबसे बड़ा है बैठे कहां हो अपने बच्चों से रूठ कर हे! महाकाल बाबा यम का उपाय कर बैठे कहां हो अपने बच्चों से रूठ कर। डोली उठाने की जगह अर्थी उठा रहे दुल्हन सी सजी बेटी चिता मे सुला रहे हे! चक्रधारी आओना चक्र धारकर बैठे कहां हो अपने बच्चों से रूठ कर। ©Jagrati Nagle #Nodiscrimination #NoMoreCorona