तुमसे दूर मैं कभी जाऊँगा नहीं मेरा ये वादा है पीठ दिखाऊँगा नहीं वक़्त कितने भी लेले इम्तिहान मेरे मैं तेरा दिल कभी दुखाऊँगा नहीं। तुमसे मोहबब्त करूँगा उम्र-भर! बजह बेबजह सताऊँगा नहीं। महक़ी रहेगी मेरी दुनिया फूल होंगे काँटे लगाऊँगा नहीं रातरानी खिलेगी आँगन में नागफनियाँ कभी बढ़ाऊंगा नहीं बृज की मिट्टी कण कण प्रेम भरा तेरे इश्क़ का सिर झुकाऊँगा नहीं। क़ैद न कर पायेंगी शक की दीवारें! पंछी' भरोसा कभी घटाऊँगा नहीं। ♥️ Challenge-941 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।