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--- चार लाशें --- मार दिये गये हैं उजाड़ दिये गये

--- चार लाशें ---

मार दिये गये हैं
उजाड़ दिये गये हैं,
कुछ सपनें कुछ ख्वाब,
एक परिवार एक संसार,
नफरत के औज़ार से। 

फ़र्श पर खून है
जिसका रंग लाल है,
आंखों में डर है
कई सवाल हैं,
बेजान शरीर है
बस ज़िन्दगी नहीं है। 

पता चला 
आए थें बीती रात,
कुछ अमन पसंद लोग
हुई थी अमन की बात,
उन्हें भाया नहीं शोर
शायद उस बच्चे का,
फिर क्या? 
दे गए तौफा अमन का,
तौफे में मौत थी
और दर्द का
नजराना भी था। 

अब ना हंसी है
न किलकारी है,
अब है सिर्फ
पिता की लाचार आंखें
माँ की मजबूर ममता,
और चार लाशें।

©®सोमेश त्रिवेदी #NojotoQuote --- चार लाशें ---

मार दिये गये हैं
उजाड़ दिये गये हैं,
कुछ सपनें कुछ ख्वाब,
एक परिवार एक संसार,
नफरत के औज़ार से।
--- चार लाशें ---

मार दिये गये हैं
उजाड़ दिये गये हैं,
कुछ सपनें कुछ ख्वाब,
एक परिवार एक संसार,
नफरत के औज़ार से। 

फ़र्श पर खून है
जिसका रंग लाल है,
आंखों में डर है
कई सवाल हैं,
बेजान शरीर है
बस ज़िन्दगी नहीं है। 

पता चला 
आए थें बीती रात,
कुछ अमन पसंद लोग
हुई थी अमन की बात,
उन्हें भाया नहीं शोर
शायद उस बच्चे का,
फिर क्या? 
दे गए तौफा अमन का,
तौफे में मौत थी
और दर्द का
नजराना भी था। 

अब ना हंसी है
न किलकारी है,
अब है सिर्फ
पिता की लाचार आंखें
माँ की मजबूर ममता,
और चार लाशें।

©®सोमेश त्रिवेदी #NojotoQuote --- चार लाशें ---

मार दिये गये हैं
उजाड़ दिये गये हैं,
कुछ सपनें कुछ ख्वाब,
एक परिवार एक संसार,
नफरत के औज़ार से।

--- चार लाशें --- मार दिये गये हैं उजाड़ दिये गये हैं, कुछ सपनें कुछ ख्वाब, एक परिवार एक संसार, नफरत के औज़ार से।