जमाल एहसानी इबादत में ख़लल पड़ता है... उस की याद आई है सांसो ज़रा आहिस्ता चलो धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है राहत इंदौरी को निभाते हुए मर जाते हैं... हम हैं सूखे हुए तालाब पे बैठे हुए हंस जो तअल्लुक़ को निभाते हुए मर जाते हैं ©Rahul Machhar Rupakheda #Couple R 😘 S