कल का सूरज देखना नसीब हो या न खुशियाँ ज़िन्दगी भर की पल में लुटा देना, तमाम सपने लिए मैं गहरी नींद में सो रही हूं मेरी मौत आये तो मुझे ज़रा जगा देना, आज नाराज़गी जता रहे है जो हमसे मेरा दिल निकाल कर उनको उनका ही चेहरा दिखा देना, मेरी माँ रोयेगी मेरे लिए खरीदी चुनरी को देख कर तुम ऐसा करना उस चुनरी को भी साथ ही जला देना, कोई पूछे अगर suman कोन थी तो कोई टूटता तारा दिखा कर बता देना, ज़िन्दगी ने गम बहुत दिए है मुझे अब बेबफा की तरह मुझे मौत की माशूक बता देना, कल का सूरज देखना नसीब हो या न खुशियाँ ज़िन्दगी भर की पल में लुटा देना, तमाम सपने लिए मैं गहरी नींद में सो रही हूं मेरी मौत आये तो मुझे ज़रा जगा देना, आज नाराज़गी जता रहे है जो हमसे मेरा दिल निकाल कर उनको उनका ही चेहरा दिखा देना,