गुजारे थे जो लम्हें साथ में बस गए हो जैसे दिन रात में सपनो की तरह रह गयी है अब हमारी दुनिया साथ में रहने की। 🍁कृष्ण का दीवाना🍁 आज भी छलक उठती है राधा जी की आँखें जब - जब बिछड़ने का वो वक़्त याद आता है ● ● ● ● कहते है सच्ची इबादत से मोहब्ब्त होगी तो आँखें एक बार नहीं हर बार छलक उठेंगी.....