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क्या सोचते रहते हो दिन रात यूँ चुप-चुप रहते हो खो

क्या सोचते रहते हो 
दिन रात यूँ चुप-चुप रहते हो
खोया पाया कि चक्कर मे
खुद को खुश नहीं रखते हो

क्या ठीक कभी कर पाओगे
उलझन कभी सुलझा पाओगे
जब तक सांस चलेगी ये
इनका चलना भी तय है

फिर सोंच में व्यर्थ गंवाना क्या
इस जीवन को उलझाना क्या
सबको दिल से माफ् करें
जो मिला उसे स्वीकार करें।


 #रातकाअफ़साना #collab  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
#instantpoetry #life
क्या सोचते रहते हो 
दिन रात यूँ चुप-चुप रहते हो
खोया पाया कि चक्कर मे
खुद को खुश नहीं रखते हो

क्या ठीक कभी कर पाओगे
उलझन कभी सुलझा पाओगे
जब तक सांस चलेगी ये
इनका चलना भी तय है

फिर सोंच में व्यर्थ गंवाना क्या
इस जीवन को उलझाना क्या
सबको दिल से माफ् करें
जो मिला उसे स्वीकार करें।


 #रातकाअफ़साना #collab  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
#instantpoetry #life
raushan4117

Raushan

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