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दु:खद कठिन समय मे कठिन भाषा मार... जिस देश की 65%

दु:खद
कठिन समय मे कठिन भाषा मार...

जिस देश की 65% आबादी आज भी 
खेती,मजदुरी, फेरी,खुमचा,पटरी पर 
निर्भर होकर दैनिक जीवन यापन 
करने वाला वह भलामानुष जिसे 
ऐसे जटिल शब्दो का तकाजा भी 
नही है,को समर्पित ऐसे संकटकालीन
 समय में  महोदय ने MSME, GDP, 
FICCI, PHD एवं 5 स्तम्भ जैसे 
अलंकृत शब्दो से और न जाने 
क्या क्या... से सम्बोधन किया |  

क्या ये 65% समझ सके है जिनके लिए
 यह समर्पित था? lockdown 11/05/2020
दु:खद
कठिन समय मे कठिन भाषा मार...

जिस देश की 65% आबादी आज भी 
खेती,मजदुरी, फेरी,खुमचा,पटरी पर 
निर्भर होकर दैनिक जीवन यापन 
करने वाला वह भलामानुष जिसे 
ऐसे जटिल शब्दो का तकाजा भी 
नही है,को समर्पित ऐसे संकटकालीन
 समय में  महोदय ने MSME, GDP, 
FICCI, PHD एवं 5 स्तम्भ जैसे 
अलंकृत शब्दो से और न जाने 
क्या क्या... से सम्बोधन किया |  

क्या ये 65% समझ सके है जिनके लिए
 यह समर्पित था? lockdown 11/05/2020