याद आती है कुछ अनहोनी याद, कभी मिलाते भूत हाथ तो कभी भटकती आत्मा साथ_अमावस्या की रात। कभी उमड़ता दुख देव ग्रास का तो कभी इंतज़ार पूरे चांद का, कहीं मंत्रणा देव भक्ति की तो वहीं कहीं काली शक्ति की। कहीं सताता भय साये का तो कहीं सुख भी नयी-नवेली लम्बी रात का। होती सब रातों में खास इक अमावस्या की काली रात।। ©Miss poojanshi #amavasya #amavasyakiraat