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#OpenPoetry दिल ने तो कब - का भुला दिया था पर आँखो

#OpenPoetry दिल ने तो कब - का भुला दिया था पर
आँखों को तेरी आदत सी लग  गई है, लाख
समझाया पर ये कमबख्त हर किसी मे तुझी को ही ढूंढा करती हैं। सारा कसूर तुम्हारी इन आँखों का है,
जिसे दरिया समझा और वो सागर निकला
#OpenPoetry दिल ने तो कब - का भुला दिया था पर
आँखों को तेरी आदत सी लग  गई है, लाख
समझाया पर ये कमबख्त हर किसी मे तुझी को ही ढूंढा करती हैं। सारा कसूर तुम्हारी इन आँखों का है,
जिसे दरिया समझा और वो सागर निकला

सारा कसूर तुम्हारी इन आँखों का है, जिसे दरिया समझा और वो सागर निकला #OpenPoetry