शहीद-ए-आजम भगत सिंह को समर्पित इस शहीद दिवस पर मेरी यह कविता ...🇮🇳🇮🇳 तुम पागल थे क्या ..... क्या पड़ी थी तुझे.... फांसी पे चढने के लिए .. तु भी शादी करता... घर बसाता ,तु भी जीता... अपने घरवालों के लिए ..