वो कहता है मुझसे कि तुम्हारी ख़ामोश आँखें भी बहुत बोलती हैं! बेशक़! मेरी जाँ ज़ुबाँ से कुछ ना बोलो फ़िर भी ये दिल का हर राज खोलती हैं! इंतज़ार एक बेक़रारी नज़र आती है इनमें हर आहट पर बेचैन इधर उधर डोलती है! आँखे हुनरमंद बहुत हैं छुपाती हैं हक़ीक़त अपनी आदतन! औरों की शराफ़त नियत टटोलती हैं! वो कहता है मुझसे कि तुम्हारी ख़ामोश आँखें भी तराजू सा तौलती हैं! ♥️ Challenge-770 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।