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किनारे से देखी थी जो किश्ती , वो धुँआ निकली बांधी

किनारे से देखी थी जो किश्ती , वो धुँआ निकली
बांधी थी जो पाजेब तेरे पैरों में , वो सजा निकली
सांसो ने माँगी थी बस कुछ दिन की महुलत
मगर तेरे बाजार में सबसे मंहगी उसकी
 दवा निकली
जो मारना ही था अगर , तो आसान था 
छुरा घोपना
मगर तेरी तरकीब जमाने से जुदा निकली

"जयंत मेहरा" #तरकीब_जमाने से जुदा निकली
किनारे से देखी थी जो किश्ती , वो धुँआ निकली
बांधी थी जो पाजेब तेरे पैरों में , वो सजा निकली
सांसो ने माँगी थी बस कुछ दिन की महुलत
मगर तेरे बाजार में सबसे मंहगी उसकी
 दवा निकली
जो मारना ही था अगर , तो आसान था 
छुरा घोपना
मगर तेरी तरकीब जमाने से जुदा निकली

"जयंत मेहरा" #तरकीब_जमाने से जुदा निकली
nojotouser7130642365

Jayant Mehra

New Creator

#तरकीब_जमाने से जुदा निकली #विचार