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अधरों पर तीख़ी सी हँसी, ललाट पर शिकन क्यूँ है तुम्ह

अधरों पर तीख़ी सी हँसी,
ललाट पर शिकन क्यूँ है तुम्हारे।

नैना कर रहे तेरे, कुछ और इशारे
दहकते हों अंगारे, जैसे झील किनारे।

आँखें कह रही, चुप हैं होठ तुम्हारे,
सुनो, कुछ तो है ना ? बीच मेरे तुम्हारे। ♥️ Challenge-541 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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अधरों पर तीख़ी सी हँसी,
ललाट पर शिकन क्यूँ है तुम्हारे।

नैना कर रहे तेरे, कुछ और इशारे
दहकते हों अंगारे, जैसे झील किनारे।

आँखें कह रही, चुप हैं होठ तुम्हारे,
सुनो, कुछ तो है ना ? बीच मेरे तुम्हारे। ♥️ Challenge-541 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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anitasaini9794

Anita Saini

Bronze Star
New Creator
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